Success Story of Krishnan Mahadevan : बेंगलुरु के विज्ञान नगर में कृष्णन के पिता महादेवन ने साल 2001 में अय्यर इडली नाम से इडली बनाने की दुकान शुरू की. वे पहले घर पर इडली और डोसा का बैटर बनाकर आसपास की दुकानों में बेचा करते थे. लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें इडली बनाकर बेचने का सुझाव दिया.
सफलता के लिए मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है. आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की सफलता की कहानी बता रहे हैं जिसने अपनी लाखों की नौकरी छोड़कर इडली बेचनी शुरू की. वे आज इतने पैसे कमा रहे हैं कि उन्हें पैसे गिनने की भी फुर्सत नहीं है. हम बात कर रहे हैं कृष्णन महादेवन (Krishnan Mahadevan Success Story) की. जो दुनिया की सबसे फेमस, बड़ी और पुरानी इंवेस्टमेंट बैंकिंग फर्मों में आने वाली गोल्डमैनसैक्स में लाखों रुपये की नौकरी कर रहे थे.
Success Story of Krishnan Mahadevan : अय्यर इडली की शुरुआत
बेंगलुरु के विज्ञान नगर में कृष्णन के पिता महादेवन ने साल 2001 में अय्यर इडली नाम से इडली बनाने की दुकान शुरू की. वे पहले घर पर इडली और डोसा का बैटर बनाकर आसपास की दुकानों में बेचा करते थे. लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें इडली बनाकर बेचने का सुझाव दिया.
इसके बाद उन्होंने अय्यर इडली नाम से दुकान शुरू की. जो कुछ समय में ही गर्म इडली बेचने के लिए फेमस हो गई. उनकी इडली का स्वाद हर उम्र के लोगों को पसंद आया. बेंगलुरु में इडली प्रेमियों के लिए अय्यर इडली फेमस है. जो एक छोटी सी दूकान है. जहां वे पहले लगातार 19 साल तक केवल नारियल की चटनी के साथ इडली बेचा करते थे.
साल 2009 में जब कृष्णन के पिता महादेवन का निधन हो गया. उसके बाद ‘अय्यर इडली दूकान’ को चलाने की जिम्मेदारी उन पर आ गई. जिसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ मां के साथ कारोबार संभाल लिया.
अय्यर इडली अपनी फूली और खास मुलायम इडली के लिए प्रसिद्ध है. वे हर महीने 50,000 से ज्यादा इडली बेचकर तगड़ी कमाई करते हैं. वे 20 फीट बाय 10 फीट के आउटलेट के जरिये बड़े-बड़े होटल और रेस्तरांओं को टक्कर दे रहे हैं.
Success Story of Krishnan Mahadevan : मेनू में शामिल की नई चीजें
वे दुकान के फैंसी इंटीरियर पर ध्यान नहीं देकर इडली की गुणवत्ता, स्वच्छता और केवल स्वाद पर ही फोकस करते हैं. कई सालों तक केवल इडली बेचने के बाद अब उन्होंने अपने मेनू का विस्तार किया है. जिसमें केसरी भात, खारा भात, वडा जैसी नई-नई चीजें शामिल की है.